* छत्तीसगढ़ में असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम *
असहयोग आंदोलन में किये गए कार्यों को दो भागों में बांटा जा सकता है :
1) नकारात्मक पक्ष
2) सकारात्मक पक्ष
1) नकारात्मक पक्ष
न्यायालयों का त्याग :
1) रायपुर में --- a) पं. रविशंकर शुक्ल b) रामनारायण तिवारी c) यादवराव देशमुख
2) दुर्ग में --- a) घनश्याम सिंह गुप्त b) रत्नाकर झा
3) बिलासपुर -- a) ई. राघवेंद्र राव b) ठा. छेदीलाल c) वामन राव खानखोजे
4) राजनांदगांव -- a) ठा.प्यारेलाल सिंह b) बलदेव प्रसाद मिश्र
5) छुईखदान -- a) गोवर्धन लाल श्रीवास्तव
सरकारी नौकरी का त्याग :
1) यदुनंदन प्रसाद श्रीवास्तव, 2) शिवलाल वर्मा, 3) लक्ष्मी नारायण वर्मा, 4) सोमेश्वर शुक्ल
उपाधियों का त्याग :
राव साहब की उपाधि का त्याग ---- 1) वामन राव लाखे (बाद में जनता ने लोकप्रिय की उपाधि दी)
2) कल्याणजी मोरारजी थेकर
राय साहब की उपाधि का त्याग ---- सेठ गोपीकिशन नत्थानी
राय बहादुर की उपाधि का त्याग ---- नागेंद्र नाथ डे
दरबारी की उपाधि का त्याग ---- राघवेंद्र राव
खान साहब की उपाधि का त्याग ---- काजी असगर अली (जनता ने शेर खां की उपाधि दी)
आनरेरी मजिस्ट्रेट की उपाधि का त्याग --- शिवदास डागा
मद्य निषेध कराया : पं. सुंदरलाल शर्मा और कुतुबुद्दीन ने
विदेशी वस्तुओं का त्याग : रत्नाकर झा और प्रभुलाल काबरा ने
कौंसिल का बहिष्कार :
1) प्रांतीय कौंसिल का बहिष्कार -- बाजीराव कृदत्त
2) रायपुर जिला कौंसिल का बहिष्कार -- यादव राव देशमुख
2) सकारात्मक पक्ष
खादी का प्रचार :
1) धमतरी --- छोटेलाल श्रीवास्तव (खादी उत्पादन केंद्र की स्थापना)
2) रायपुर --- ठा. प्यारेलाल सिंह और वामन राव लाखे
राष्ट्रीय विद्यालय की स्थापना :
1) रायपुर में --- माधवराव सप्रे के द्वारा (5 फरवरी 1921 में)
जमीन दी -- सेठ गोपीकिशन ने
हेडमास्टर -- रामनारायण तिवारी
2) बिलासपुर में --- राघवेंद्र राव
शिक्षक -- यदुनंदन प्रसाद श्रीवास्तव
3) धमतरी में --- बाबू छोटेलाल के मकान में
राष्ट्रीय पंचायत का गठन :
1) रायपुर में --- जसकरण डागा द्वारा (4 मार्च 1921 से -1931 तक चला )
2) धमतरी में --- बाजीराव कृदत्त द्वारा
राष्ट्रीय नेताओं का आगमन : (1921 में)
डॉ. राजेंद्र प्रसाद
सी. राजगोपालाचारी
सुभद्रा कुमारी चौहान
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