अपवाह तंत्र
छत्तीसगढ़ में 5 अपवाहतंत्र हैं, जो इस प्रकार हैं :-
1) महानदी अपवाह तंत्र = 58.48%
2) गोदावरी अपवाह तंत्र = 28%
3) सोन-गंगा अपवाह तंत्र = 13%
4) ब्रम्हाणी अपवाह तंत्र = 1%
5) नर्मदा अपवाह तंत्र = 0.55%
सोन-गंगा अपवाह तंत्र
सोन-गंगा-अपवाह-तंत्र |
सोन-गंगा अपवाह तंत्र के अंतर्गत मुख्यतः 4 नदियाँ आती हैं। वे हैं :-
- बनास
- गोपद
- रिहन्द
- कन्हार
बनास:-
उद्गम = मनेन्द्रगढ़ के मांझाटोली की पहाड़ी से
सहायक नदी :- गोपद
यह जनकपुर-भरतपुर की सीमारेखा बनती है
तथा छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश की सीमा का निर्माण (लगभग 50 KM.)
इस नदी पर रमदाहा जलप्रपात अवस्थित है।
गोपद:-
उद्गम = सोनहट पठार के ऊपरी ढलानों से
सहायक नदी :- नेयूर नदी, गईनी नदी, सेहरा नदी, कंदास
नेयूर नदी:- छत्तीसगढ़- मध्यप्रदेश की सीमा का निर्माण
रिहन्द:-
उद्गम = सरगुजा की मतिरेंगा पहाड़ी से
सहायक नदी = महान, मोरनी, सूर्या, गोबरी, घुनघुट्टा
इस नदी पर UP/CG की संयुक्त परियोजना (गोविन्द-वल्लभ पंत सागर परियोजना) बनी है।
इस नदी पर रक्सगण्डा जलप्रपात अवस्थित है।
कन्हार:-
उद्गम = जशपुर के खुड़िया पठार के बखोना चोटी से
सहायक नदी = पेंगन, सिंदूर, गलफुल्ला, दातरम
यह नदी झारखण्ड-छत्तीसगढ़ की सीमा बनती है।
इस नदी पर कोटरी जलप्रपात अवस्थित है।
नदी |
उद्गम |
लम्बाई |
सहायक नदी |
जलप्रपात |
बनास |
मांझाटोली की पहाड़ी |
------- |
गोपद |
रमदाहा जलप्रपात |
गोपद |
सोनहट
पठार |
------- |
नेयूर, गईनी, सेहरा, कंदास |
--------- |
रिहन्द |
मतिरेंगा
पहाड़ी |
145 km. |
सूर्या, महान, मोरनी, गोबरी, घुनघुट्टा |
रक्सगण्डा जलप्रपात |
कन्हार |
बखोना
चोटी |
115 km. |
गलफुल्ला, सिंदूर, पेंगन, दातरम |
कोटरी जलप्रपात |
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