* शरभपुरीय वंश *
राज्य काल खण्ड :: 5वी - 6वी शताब्दी
इनके विषय में जानकारी मिलती है :-
- भानुगुप्त के एरण अभिलेख से
- कौआताल ताम्रपत्र
- मल्हार ताम्रपत्र
- पिपरदुला ताम्रपत्र
- रावा ताम्रपत्र
- कुरुद ताम्रपत्र
- बहमनी ताम्रपत्र
अन्य नाम :- अमरार्य कुल (मल्हार ताम्रपत्र में कहा गया है)
मुख्य राजधानी :- शरभपुर (अज्ञात)
दूसरी राजधानी :- श्रीपुर
प्रमुख राजाओं के नाम :-
- शरभराज
- नरेन्द्रधवल
- प्रसन्नमात्र
- मानमात्र
- महाजयराज
- महासुदेवराज
- महाप्रवरराज
1) शरभराज :-
- यह इस वंश का संस्थापक था।
- शरभपुर नगर की स्थापना कर अपनी राजधानी बनायी।
2) नरेन्द्रधवल :-
- यह भागवत धर्म का अनुयायी था।
- ताम्रपत्र :-
- पीपरदुला ताम्रपत्र
- कुरुद ताम्रपत्र
- रावा ताम्रपत्र
3) प्रसन्नमात्र :-
- इस वंश का सबसे शक्तिशाली राजा था।
- प्रसन्नपुर नामक नगर बसाया, "निडीला नदी के किनारे"
- सोने के सिक्के चलवाया (जिसमे गरुड़, शंख, चक्र अंकित थे)
- राजमुद्रा थी - "गजलक्ष्मी"
- सिक्कों में लेख की भाषा --- संस्कृत
- लिपी --- पेटिकाशीर्ष लिपी
4) मानमात्र दुर्गराज :-
- दुर्ग की स्थापना की
5) महाजयराज :-
- छत्तीसगढ़ का पहला राजा जिसने महा उपाधि धारण की।
6) महासुदेवराज :-
- श्रीपुर नगर का संस्थापक
- इस वंश का सबसे अधिक ताम्रपत्र जारी करने वाला राजा।
7) महाप्रवरराज :-
- श्रीपुर को राजधानी बनायी
- ताम्रपत्र :
- मल्हार
- ठाकुरिया
"इस वंश को नए नगर बसने वाला राजवंश भी कहा जाता है।"

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