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छत्तीसगढ़-का-प्राकृतिक-विभाजन


प्राकृतिक विभाजन


छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक रूप से 4-भागों में बांटा जा सकता है:-

        1) पूर्वी बघेलखण्ड का पठार  (16.16%)

        2) जशपुर सामरी पाट प्रदेश (4.59%)

        3) महानदी का मैदान (50.34%)

        4) बस्तर का दण्डकारण्य (28.91%)


chhattisgarh-ka-prakritik-vibhajan
छत्तीसगढ़-का-प्राकृतिक-विभाजन 



निचे हम बारी-बारी से इसके विषय में पढ़ेंगे :-



 1) पूर्वी बघेलखण्ड का पठार

क्षेत्रफल     = 21863 वर्ग किमी                                    

अपवहतंत्र = सोन-गंगा

प्रमुख नदी = बनास, गोपद, रिहन्द, कन्हार            

ढाल         = उत्तर की ओर

चट्टान       = गोण्डवाना                                      

मिटटी      = लाल-पिली मिट्टी

वनस्पति    = साल वन की अधिकता                        

फसल       = तिलहन और मोटे अनाज

वन क्षेत्र     = 50%                                                              

ऊँची चोटी = देवगढ़ (1033 मी)

जनजाति    = उराव, कोल


प्रसिद्ध स्थल:-

रामगढ की पहाड़ियाँ = सीताबेंगरा, जोगीमारा, लक्ष्मणबेंदरा

छुरी-उदयपुर की पहाड़ी (मतिरेंगा) = रिहन्द नदी का उद्गम स्थल है


देवगढ़ की पहाड़ी = हसदेव नदी का उद्गम स्थल है

(यह सोन-गंगा और महानदी के बीच जल विभाजक का काम करती है।)

 

 


2) जशपुर सामरी-पाट प्रदेश

क्षेत्रफल     = 6200 वर्ग किमी

अपवाहतंत्र = सोन, ब्रम्हाणी, महानदी

प्रमुख नदी = मांड, ईब, शंख, कन्हार

ढाल         = उत्तर-पूर्व

चट्टान       = दक्कन ट्रैप

खनिज      = बॉक्साइट

मिट्टी        = लेटेराइट मिट्टी, पीली मिट्टी

वन         = सबसे कम

फसल     = बागानी फसल, आलू, नासपती, लीची

औसत वर्षा = 172 सेमी (सबसे अधिक वर्षा होती है)

ऊँची चोटी = गौरालाटा (1225 मी)

जनजाति    = उराव, कोरवा, नगेसिया, बिरहोर

 

 

प्रमुख पाट प्रदेश

बलरामपुर में :-    जमीर पाट(बॉक्साइट का भण्डार)

                        जारंग पाट(बॉक्साइट का सबसे बड़ा भण्डार)

                        लहसून पाट सामरी पाट (गौरालाटा 1225 मी)


जशपुर में :-        जशपुर पाट(सबसे बड़ा पाट प्रदेश)*कन्हार नदी*

                        पेंड्रा पाट *ईब नदी*


सरगुजा में :-       मैनपाट (1152 मी)


 

 


3) महानदी का मैदान

क्षेत्रफल = 68000 वर्ग किमी

अपवाहतंत्र = महानदी

मिट्टी = लाल-पिली मिट्टी

खनिज = चुना, डोलोमाइट

ऊंचाई = 300 मी

जलवायु = उष्ण कटिबंधीय मानसूनी

औसत वर्षा= 125 सेमी

ऊँची चोटी = बदरगढ़ (1176 मी)

जनजाति = कमार, सौंरा, बिंझवार, धनवार


इसे दो भागों में बाँटा गया है

         **पश्चिमी सीमांत उच्च भूमि:-  

                    विस्तार-- मुंगेलीकवर्धाराजनाँदगाँव (मैकल श्रेणी

                    ऊँची चोटी-- बदरगढ़ (1176 मी) 

            

         **पूर्वी सीमांत उच्च भूमि:- 

                    विस्तार-- महासमुंद, रायगढ़, गरियाबंद, 

                    ऊँची चोटी-- शिशुपाल पहाड़ का धारीडोंगरी (899 मी)



                                                     

 

4) बस्तर का दण्डकारण्य

क्षेत्रफल = 39060 वर्ग किमी

अपवाहतंत्र = इंद्रावती

चट्टान = धारवाड़, ग्रेनाइट, नीस

खनिज = लोहा, टिन आदि

मिट्टी = लाल-पिली मिट्टी

फसल = धान, कोदो-कुटकी

ऊंचाई = 300 मी

जलवायु = उष्ण कटिबंधीय मानसूनी

ढ़ाल = पश्चिम-दक्षिण

ऊँची चोटी = नंदीराज, बैलाडीला (1210 मी)

औसत वर्षा= 167 सेमी

सर्वाधिक वर्षा = अबूझमाड़ में (187 सेमी)

जनजाति = गोंड, हल्बा, परजा, गदबा, माड़िया ,मुरिया



बस्तर का पठार

कोण्डागांव, बस्तर

बेसिन

इंद्रावती बेसिन, कोटरी बेसिन (राजनाँदगाँव, कांकेर)

मैदान

बस्तर का मैदान- बीजापुर सुकमा

उच्चभूमि

बीजापुर उच्च भूमि

पहाड़ी क्षेत्र

अबूझमाड़, नारायणपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा

 

 




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