छत्तीसगढ़ की सिंचाई परियोजनाएं
नदी परियोजना
परियोजना |
स्थापित |
निर्माणाधीन |
वृहद परियोजना |
8 |
4 |
माध्यम परियोजना |
37 |
4 |
लघु परियोजना |
2395 |
418 |
1) वृहद परियोजना = 10000 हेक्टेयर से अधिक सिंचित क्षेत्र वाली परियोजन
2) मध्यम परियोजना = 2000 से 10000 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र वाली परियोजना
3) लघु परियोजना = 2000 हेक्टेयर से कम सिंचित वाली परियोजना
कुल क्षेत्र का = 36% सिंचित
नहरों से सिंचाई = 52%
नलकूप से सिंचाई = 29%
राज्य शासन द्वारा राज्य के लघु एवं सीमांत कृषकों को सिंचाई कूप एवं पंप स्थापना के लिए = शाकम्भरी योजना शुरू किया गया है
रिवर लिंकिंग परियोजना
अहिरन - खूंटाघाट लिंक परियोजना
हसदेव - केंदई लिंक परियोजना
महानदी - पैरी लिंक परियोजना
महानदी - तांदुला लिंक परियोजना
रेहर - अटेम लिंक परियोजना
सिंचाई परियोजना
1908 = खपरी, दुर्ग
1910 = तांदुला नहर निर्माण आरंम्भ (1913 में बना)
1915 = रुद्री पिकअप वियर(धमतरी)
1923 = मुरुमसिल्ली (मॉडम सिल्ली )जलाशय
1930 = खुड़िया परियोजना, मनियारी नदी
1931 = खुदाघाट, खारंग नदी
1961 = मिनीमाता हसदेव बांगो बांध परियोजना
1963 = दुधवा बाँध (महानदी)
1979 = रविशंकर सागर परियोजना
1995 = वीरनारायण सिंह परियोजना, कोदर डैम
2014 = दिलीप सिंह जूदेव परियोजना – रायगढ़ (केलो)
महानदी परियोजना/गंगरेल बांध/रविशंकर सागर परियोजना:-
1) रुद्री पिक-अप वियर (धमतरी, रायपुर,दुर्ग,बलौदाबाजार) --1915
मुख्य नहर की लम्बाई = 116 KM
2) माडमसिल्ली बांध (धमतरी) = सिलियरी नदी (साइफन बांध) -1923
3) दुधावा बांध (धमतरी) = महानदी पर -- 1963
4) गंगरेल बांध (धमतरी) = रविशंकर सागर बांध -- 1979
गंगरेल-बांध |
छत्तीसगढ़ की 2री बड़ी परियोजना
लम्बाई - 1380, गेटोकी संख्या - 4, बिजली - 10MW(2.5*4)
महानदी कॉम्प्लेक्स:-
महानदी कॉम्प्लेक्स की स्थापना विश्व बैंक की सहायता से में की गई थी (1980-81)
इसके अंतर्गत:-
1) सोंढुर बांध (धमतरी) 1989
2) सिकासार बांध(गरियाबंद) 1995 पैरी नदी
{विद्दुत उत्पादन 7 MW.= 3.5*2}
मिनीमाता हसदेव बांगो बांध परियोजना :-
स्थापना = 1961 -62
नदी = हसदेव
जलापूर्ति = बाल्को ,कोरबा ,NTPC को
सिंचाई = 4.20 लाख हेक्टेयर (20%)
ये छत्तीसगढ़ की प्रथम बहुदेशीय परियोजना है।
यह प्रदेश की सबसे ऊंचा बांध है। (87 मीटर )
कोरबा के मचाडोली में 120 मेगावाट(40*3) जल विधुत परियोजना संचालित है।
ये राज्य की सबसे बड़ी जल विधुत परियोजना है।
तांदुला परियोजना :- बालोद (प्रदेश की प्रथम नदी परियोजना है)
स्थापना = 1910 -20
नदी = तांदुला
एडम स्मिथ के मार्गदर्शन में 1910 में स्टार्ट हुआ
तांदुला काम्प्लेक्स
1. खरखरा जलाशय - खरखरा नदी पर बालोद (पूर्णतः मिटटी से निर्मित जलाशय है)
2. गोंदली जलाशय - जुहार नदी पर (इसे तांदुला और खरखरा से जोड़ा गया है)
कुम्हारी बांध:- महानदी की सहायक बंजारी नाला पर (रायपुर जिले में सिंचाई होती है)
राजीवगांधी परियोजना (खुड़िया ) मुंगेली :-
स्थापना = 1924 -30
नदी = मनियारी नदी
संजयगांधी परियोजना (खूंटाघाट ) बिलासपुर :-
स्थापना - 1920 -30
नदी - खारंग
वीरनारायण सिंह परियोजना - महासमुंद
स्थानीय नाम - कोडार बांध
नदी - कोडार नदी
स्थापना - 1976 -95
दिलीप सिंह जूदेव परियोजना - रायगढ़
स्थानीय नाम - केलो परियोजना
स्थापना - 2014
नदी - केलो नदी
बोधघाट परियोजना - बारसूर (दंतेवाड़ा )
नदी - इंद्रावती
ये प्रदेश की प्रस्तावित बहुदेशीय परियोजना है।
अरपा सिचाई परियोजना
नदी - अरपा नदी पर
घोंघा जलाशाय- बिलासपुर
नदी - घोंघा नदी
पेंड्रावन बांध -रायपुर
परियोजना |
जिला |
नदी |
कन्हार
परियोजना |
बलरामपुर |
कन्हार |
महान |
सूरजपुर |
महान |
बंकी/चुहियापाट |
सरगुजा |
|
श्याम |
सरगुजा |
घुनघुट्टा |
कुंवरपुर |
सरगुजा |
चुलहट
नाला |
झुमका/
गेज |
कोरिया |
|
गोबरी |
कोरिया |
|
खुड़िया |
मुंगेली |
मनियारी |
घोंघा/रामावतार |
बिलासपुर
|
घोंघा
नाला |
भैंसाझार |
बिलासपुर |
अरपा |
खूंटाघाट |
बिलासपुर |
खारंग |
हसदेव बांगो (मिनीमाता) |
कोरबा |
हसदेव |
सर्वेश्वर
बांध |
कोरबा |
हसदेव |
किंकारी |
रायगढ़ |
|
खम्हार
पाकुट |
रायगढ़ |
|
केदार |
रायगढ़ |
केदार नाला |
पुटका |
रायगढ़ |
पुटका नाला |
मांड |
रायगढ़ |
मांड |
केलो
(दिलीप सिंह जूदेव परियोजना) |
रायगढ़ |
केलो |
दुधावा |
धमतरी |
महानदी |
गंगरेल |
धमतरी |
महानदी |
सोंढुर |
धमतरी |
सोंढुर |
माडमसिल्ली |
धमतरी |
सिलियारी |
सिकासार |
गरियाबंद |
पैरी |
कोडार (वीर नारायन सिंह परियोजना) |
महासमुंद |
कोडार |
जोंक |
बलौदाबाजार |
जोंक |
तालदेवी |
जांजगीर-चांपा |
हसदेव |
बेलकर्री |
जांजगीर-चांपा |
|
रोगदा |
जांजगीर-चांपा |
|
कचंदा |
जांजगीर-चांपा |
|
भर्रीकोना |
जांजगीर-चांपा |
बोरई |
मासूल जलाशय |
राजनांदगांव |
|
त्रिशूल जलाशय |
राजनांदगांव |
|
शिखरपुर जलाशय |
जशपुर |
|
डंडापानी जलाशय |
जशपुर |
|
उडेला जलाशय |
महासमुंद |
जोंक |
सिलौटा जलाशय |
सूरजपुर |
हसदेव |
बोदा जलाशय |
कवर्धा |
बोरई |
सर्वाधिक सिंचित जिला (area & %) = जांजगीर चांपा(2.14 लाख हेक्टेयर, 78%)
न्यूनतम सिंचित जिला (क्षेत्रफल) = नारायणपुर
न्यूनतम सिंचित जिला (%) = दंतेवाड़ा
न्यूनतम सिंचित सुविधा वाला जिला = दंतेवाड़ा
मिनीमाता (हसदेव) परियोजना
सिंचाई क्षमता : 4.20 लाख हेक्टर
लाभान्वित जिले :- कोरबा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़
केलो परियोजना
सिंचाई क्षमता : 24396 हेक्टर
लाभान्वित जिले :- रायगढ़, जांजगीर-चांपा
शिवरीनारायण बैराज = महानदी पर
साराडीह बैराज = महानदी पर
नरवा कार्यक्रम::
27 जिलों के 374 नालों का चयन किया गया है
सर्वाधिक सिंचित जिले = जांजगीर (81%)
रायपुर (77%)
धमतरी (71%)
दुर्ग (70%)
न्यूनतम सिंचित जिले = दंतेवाड़ा (0%)
नारायणपुर, सुकमा (1%)
जशपुर (4%)
बस्तर, कोंडागांव, बीजापुर (6%)
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